बंद करो अब तो
बंद करो अब तो
बंद करो! अब तो यह भेदभाव
कन्या को अपना ही जानो
क्यों नहीं होता है तुम्हें दर्द ?
जो कन्या को सताते हो
क्या तुम्हारी रूह नहीं कांपती
ऐसा अत्याचार करते हुए ?
अरे ! कुछ तो सोचो क्या होगा
तुम्हें ऐसे जबरन क्षणिक सुख
प्राप्ति की हवश से ?
अंजाम देखो -तुम्हारा काल।