Chitrarath Bhargava

Romance

3.5  

Chitrarath Bhargava

Romance

'ब्लैक-हेड्स ट्रीटमेंट'

'ब्लैक-हेड्स ट्रीटमेंट'

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आज एक अरसे बाद शीशे के सामने चेहरा लेकर गया। अचानक ही नाक की ओर नज़र चली गयी। नाक के वही दो बाल फिर थोड़े बढ़ गए थे जिनको वो तुरंत ही मेरी शेविंग-सीज़र्स से काट देती थी। उसी दौरान उसको मेरी नाक पर न जाने कहाँ से 'ब्लैक-हेड्स' दिख जाते थे। बस फिर उसकी गोद में सर रखकर मूंद लेता था मैं अपनी आँखें, और मेरी डॉक्टर का शुरू हो जाता था नाक पर 'ब्लैक-हेड्स ट्रीटमेंट'।


कई बार मेरी शर्ट में बाहें डालकर, आँखें उचकाकर पूछती थी कि मेरे लिए कभी कुछ लिखोगे 'मिस्टर राइटर' ? मेरा जवाब सुनने के पहले ही खुद के पैर के नाखून को मेरे पैर के नाखून में गड़ा देती थी। शायद भांप लेती थी वो कि जवाब स्पष्ट - 'हाँ' तो नहीं रहेगा मेरा। छिप जाती दरवाज़े के पीछे और पूछती - "बताओ मैं कहाँ हूँ?" फिर ठहाका लगाकर हँसने लगती। ले आती थी कहीं से एक तिनका, मेरे कान में गुदगुदी कर कमरे के सोफे से पुछवाती थी - "पूछ लो, मैंने नहीं किया कुछ।" अपने चेहरे को मेरे चेहरे के एकदम नज़दीक लाकर गहरी साँस लेना भी एक शौक था उसका।


मैं भी अब अकेले में गहरी साँस लेना सीख रहा हूँ। फिर से शीशे के सामने जाने का.. अब मेरा साहस नहीं।



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