भूख
भूख
मुम्बई सपनो का शहर, ना जाने किंतनो के सपने टुटे और कितनो के साकार हुए।
मुम्बई माया नगरी हर कोई माया के पीछे भाग रहा है। माया का मतलब है पैसा हर कोइ पैसे के पीछे भाग रहा है.
ना वक्त कि परवाह ना रिश्तों की बस भाग दौड़ बस अपने काम काम दुसरो के लिये कुछ सोच ने का किसी के पास वक्त ही नही कोई भूख से मरे या
तड़प के किसे परवाह। इधर बारीश का मौसम उतना ही सुहना किसी के लिये और किसी के पास सर छूपाने को छ्त नही. ऐसा ही एक बच्चा तेज बरीश मे भूखा हर किसी से खाने की भीख माँग रहा है पर कोइ एक ना सुन रहा है
फिर उस बच्चे ने पहली बार भूख कि वजह चोरी की,लोग उसे चोर चोर बोल कर उसे पकड़ने लगे बच्चा भी थोड़ी दूर भाग कर ठोकर खा कर गिर पड़ाभीड़ ने उसे चोर चोर बोल कर मरना शूरु कर दिया।
लोग उस बच्चे को पीट ही रहे थे कि, एक आदमी भीड़ तरफ भागता हुआ आया उसने देखा कि लोग जिसे पीट रहे है ,वह तो एकछोटा सा बच्चा है. उसने तुरंत भीड़ कोहटाने की कोशिश करते हुए भीड़को हटाया और बच्चे को उठा कर उस्से पूछा कि
क्या चुराया तुमने. बच्चे ने धीरे से अपना हाथ आगे किया और बच्चे के हाथ मे रोटी देख कर उस आदमी की आँखे भर आई. उसने तुरॅत लोगो से कहा कोई इस तरह बच्चे
को मारता है क्या।
वह आदमी उस बच्चे को वहा से उठा कर अपने साथ लेकर चला गया. उसने बच्चे से पूछा तुम्हारे घर वाले कहाँ है बच्चे ने कहा पता नही. वह आदमी उस बच्चे को अपने साथ अपने घर ले कर आगया। उसने जैसे ही दरवाजा खोला कि कुछ बच्चे भाग-भाग कर उसकी तरफ रामू चाचा बोल कर उस्से लिपट गए। वह आदमी उस बच्चे को नीचे उतार कर उसने कहा बच्चो ये तुम्हारा नया दोस्त हैवह आदमी एक अनाथ आश्रम चलता है ,सभी बच्चे उस बच्चे के साथ घुल-मील गये,उस बच्चे का नाम उस आदमी ने प्रेम नाम रख दिया सब उसे उसी नाम से बुलाने लगे देखते-देखते काफी समय बीत गया,प्रेम उन सभी बच्चो के साथ बढ़ता गया . प्रेम अपनी पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करने लगा ,धीरे-धीरे उसने अपनी पढ़ाई पूरी करली,कुछ समय बाद उसने एक अनाथ लड़की के साथ शादी करली, प्रेम ने अपना एक छोटा सा बिसनेस शुरू किया काम अच्च्छा ही रहा, कुछ समय बाद प्रेम को एक बच्चा हुआ,मानो कि जैसे उसका परिवार पूरा हो गया हो।
सब कुछ ठीक चल रहा था,उसने सोचा क्यों न बिजनेस और बढ़ाया जाये।
उसने बैंक से लोन लेकर काम शूरू किया ,काम चल रहा था कि अचानक उसके पार्टनर ने उसे धोखा दिया और सारा पैसा लेकर भाग गया।
बैंक ने उसका ऑफ़िस शील कर दिया, प्रेम कफी परेशान था। बैंक ने उसका घर भी शील कर दिया था। प्रेम अपने बीबी और बच्चे के साथ रोड पर पैदल निकल गया, काफी रात हो चूकी थी,रोड पे काफी अॅधेरा तभी प्रेम के बच्चे ने कहा कि पापा मुझे भूख लगी है,सुनते ही प्रेम ने अपना सर नीचे कर लिया.उसने अपनी दोनो जेब में हाथ डाल कर देखा तो केवल एक सौ का नोट निकला उसे दे कर कहा, जाओ सामने से कुछ खालो वैसे ही ना जाने कहा से एक आदमी आ गया. उनकी तरफ आने लगा और चाकू निकाल कर कहने लगा,जो भी है सब कुछ निकालो.प्रेम ने कहा हमारे पास कुछ नही है,हमे जाने दो.उस आदमी ने कहा मुझे पैसे दो मेरा बच्चा भूखा है,प्रेम ने कहा नही मेरा भी बच्चा भूखा है.
उसने चाकू से प्रेम पर वार कर दिया,और उसकी बीबी को भी मार दिया ये सब देख कर प्रेम रोता हुआ वहां से भागने लगा.चोर वहा से भाग गया.वह भाग कर गया और कुछ लोगो को लेकर आया तब तक काफ़ी देर हो चूकी थी,प्रेम और उसकी बीबी दोनो मर चूकेथे। अब उस बच्चे का कोइ सहारा नहीं था,एक बार फिर से भूख कि वजह से एक बच्चा अनाथ हो गया
केवल भूख कि वजह से..