भरत तू नही बदला
भरत तू नही बदला
मै बिहार के जिला सिवान के गाँव ठाकुर पुर का रहने वाला हूँ। मेरे बाबू जी गोपाल जी वर्मा हमारे गाँव से चार कोस दूर तथागत इंटर कॉलेज मे हिंदी
के टीचर है, हमारे काका जनपद न्यायलय सिवान मे वकील है मेरी माई रत्ना देवी और मेरी काकी मधुरी दोनो सगी बहने है। मेरी एक बहन पूजा मुझसे तीन वर्ष छोटी है। मेरा छोटा भाई भरत काका का बेटा है, जो मुझ से लगभग 14 वर्ष छोटा है, छठ माई की कृपा से हम लोगो को
मिला है। जब मै मैट्रिक मे पढ़ रहा था तब
भरत का जन्म हुआ, पूरा गाँव उसे बहुत
प्यार करता है, वो है ही इतना प्यारा दिन भर
माई के पास रहता रात को काकी के पास
जाता विद्यालय से आने के बाद मै उसे
गोदी मे लेकर घूमाता मुझे वो सबसे ज्यादा
पहिचानता जब मै इंटर मे था तब वो दो वर्ष का हो गया था। अब वो चलने लग अपनी तोतली
बोली मे भाई, माई काकी काका बाबू
जी को बाबू बुलाने लगा। विद्यालय से
मेरे आने तक वो मेरा इंतजार करता
मेरे आने के बाद भाई 2 करते हुए मेरे
आगे पीछे घूमता रहता।
मैंने इंटर प्रथम डिविजन मे पास कर लिया अब
मुझे पढ़ने DAV कॉलेज सिवान जाना होगा
मेरे बचपन का दोस्त शिवम भी प्रथम डिविजन
मे इंटर पास हो गया शिवम के बाबू जी
हमारी 15 बीघा जमीन जोतते है यही उनकी
जीविका का साधन है, बाबू जी उनको
मनहर भाई कह कर बुलाते है, शिवम के
बड़े भाई वाम पंथी विचार धारा से प्रभावित
है, उन्होंने लोक नायक यूनिवर्सिटी सारण
से Msc(math) first div. से पास किया
है, अब वह Phd. कर रहे है, उनकी पढ़ाई
मे बाबू जी ने बहुत आर्थिक सहयोग किया
है, मनोज भाई बाबू जी का बहुत सम्मान
करते है, शिवम की माई सीता काकी मेरे
लिए कुछ ना कुछ बना कर घर ले आती
है। हम दोनो ने Bsc मे प्रवेश ले लिया, पूजा
क्लास x मे पहुँच गई पूजा पढ़ने मे बहुत
तेज है। भरत हम लोगो की गोद मे खेलते हुए धीरे 2 बड़ा हो रहा है, जब वह 03 वर्ष का हो गया तब बाबू जी ने उसका दाखिला गाँव के प्राथमिक
विधायालय मे करा दिया। पूजा ने मैट्रिक Exam
प्रदेश मे दूसरा स्थान हासिल कर पूरे गाँव का नाम रौशन कर दिया। समय अपनी गति से दौड़ रहा था मनोज भाई की Phd पूरी हो गई उनको
कर्पूरी ठाकुर महा विधायालय गोपाल गंज मे
अस्थाई प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति मिल गई।
पूजा ने इंटर मे प्रदेश मे दूसरा स्थान हासिल कर
फिर से एक बार गाँव का नाम रौशन कर दिया।
मैंने Msc(math) और शिवम् ने Msc(phy) से
PG पूर्ण किया हम दोनो गोरखपुर यूनिवर्सिटी
से phd. करने गए मुझे भरत की बहुत याद
आती है, बाबूजी भरत की बात रोज शाम
7.00 बजे मुझसे करते वो एक ही बात करता
भाई घर कब आओगे मुझे तुम्हारे साथ
खेलना है। मै उसको झूठा भरोसा दिलाता
और वह खुश हो जाता।
पूजा ने MA मनोविज्ञान से यूनिवर्सिटी
मे टॉप कर दिया, पूजा सिविल सर्विस के
Exam. मे शामिल होना चाहती है।
एक दिन मै गाँव मे था इतवार का दिन था
बाहर भरत हम उम्र के दोस्तो के साथ खेल
रहा था। पूजा रसोई मे थी, काकी और माई
घर के अंदर बरामदे मे बैठी थी। काका अपने
कमरे मे मुकदमे वालो से बातचित मे मशगुल थे,बाबू जी बाहर के बरामदे मेकोई पत्रिका पढ़
रहे थे, मै अपने कमरे मे था। भरत दौड़ के आया
बोला, "बाबूजी आपसे कोई मिलने आया है"
बाबूजी पत्रिका पढ़ने मे मसगुल थे, पत्रिका
रख कर उन्होंने देखा दो लोग घर के सामने
खड़े है, बाबूजी ने कहा, "आइये " वो दोनो
लोग बरामदे मे रखी कुर्सियों पर बैठ गए
बाबूजी ने भरत से कहा, " बाबू दो गिलास
पानी और पेठा ले आओ, और भाई से कह
दो बाबू जी बुला रहे है " भरत ने अंदर आकर
मुझसे कहा, " भाई बाबूजी बुला रहे है "
दो गिलास पानी और पेठा लेकर भरत
मेरे साथ बरामदे मे आया। बाबूजी ने मुझसे कहा, " बैठो" जब वो पानी पी चुके तो बाबूजी ने
उन लोगो से पूछा, " कैसे आना हुआ"
उनमे से एक ने कहा " मेरा नाम मोहम्मद पीर है, मै
शहीदे आजम इंटर कॉलेज मे टीचर हूँ, ये मेरे छोटे भाई अब्दुल रहमान है ये बिजनेस करते है। मै
आपकी खिदमत मे अपने बेटे साहिल जो
यूनिवर्सिटी मे प्रवक्ता है आपकी बेटी को MA मेपढ़ाया है, हम साहिल और पूजा बेटी के प्रेम
सम्बंधो का सम्मान करते है इस लिए मै गुजारिश
करने आया हूँ की आप दोनो को विवाह की
मंजूरी देने की कृपा करे रही बात अलग 2
मजहब की इसके लिए मेरा बेटा हिंदू धर्म अपनाने
को तैयार है। समाज ने धर्म और जात पात
का जो लेबिल हमारे माथे पर लगाया है
उसे मेरा बेटा नोच कर फेक देना चाहता
है, वो कहता है की हम भारत मे पैदा हुए
हमारी पहिचान है भारतीय हमारा मजहब
हो इंसानियत। बाबूजी ने कहा, "आपके
विचार सरहनीय है, लेकिन आप जानते है
की हम लोग जिस समाज मे रहते है। वो समाज
स्थापित कायदे कानूनों पर चलता है
गैर मजहब मे शादी को कभी मान्यता ये
समाज नही देगा और लड़की के बारे मे
क्या 2 क्या 2 सोचेगा और क्या 2 बाते बनायेगे
फिर भी मै परिवार के साथ विचार विमर्श करना
चाहूँँगा " मै चुप चाप सब बाते सुनता रहा, बाबूजी ने मुझसे कहा, " राम बाबू कुछ नाश्ता ले कर आओ " मै ज्यो ही अंदर जाने के लिए उठा
उनलोगो ने कहा, " नही अब हम चलेंगे, विचार
करियेगा यदि दो इश्क करने वालो को
एक दूसरे का हमसफर बनाने मे सहयोग कर
सके तो एक शबाब का काम होगा "
उन दोनो के जाने के बाद बाबूजी ने मुझसे कहा, "बताओ बाबू ये कैसे हो पायेगा, अपनी माई
से कहना की इस बाबत पूजा से पूछे" मै बरामदे
से उठ कर अंदर गया, माई ने पूछा, "कौन आया था" मैंने माई को पूरी बात बताया और कहा, "माई
इस बाबत पूजा से बात करो"
पूजा से माई ने शादी के सम्बंध मे पूछा, और कहा
एक मुस्लिम लड़के से शादी गाँव मे हम
क्या मुह दिखायेंगे "पूजा ने कहा, " माई
हमने कौन सा पाप कर दिया है की आप
लोग गाँव मे क्या मुह दिखायेंगे, उन्होंने
एक दिन मुझसे कहा पूजा क्या हम जिंदगी
मे हम सफर हो सकते है, मै जानता हूँ की
हमारे बीच मजहब की मजबूत दीवार खड़ी
है, लेकिन हम पढे लिखे यदि पवित्र प्रेम
के लिए आगे नही आयेगे तो कौन आयेगा
सोचना इस विषय पर, मैंने कहा मै आपके साथ
हूँ, उसके बाद हमारी उनसे कोई बात नही
हुई "
माई ने बाबूजी को बताया की पूजा भी
इस सम्बंध के लिए राजी है, बाबूजी ने
कहा, "बताओ ये कैसे हो पायेगा "
बाबूजी ने काका से इस संबंध मे बात किया
पूजा काका की लाडली है, काका ने कहा
"मै पूजा से बात करता हूँ"
काका पूजा को प्यार से सोन चिरइया
कहते है, काका ने पूजा से कहा, "मेरी
सोन चिरइया ने कोई चीज मांगा हो और
उसके काका ने उसको ला कर ना दिया हो
ऐसा कभी हुआ, अब मेरी चिरइया को
कुछ चाहिए लेकिन अपने काका को नही
बता रही अब बढ़ी जो हो गई है" इतना
सुनते ही पूजा रोने लगी, रोते हुए उसने
कहा, " काका बात ऐसी थी की कहने की
हिम्मत नही हुई " काका ने कहा, " तूने
सोच समझ कर निर्णय लिया है, बेटा
ये समाज अपने बनाये हुए कायदे और
मान्यताओं पर चलता है, मै भाई और भाभी
से बात करता हूँ तुम परेशान ना हो "
सब से बातचित कर ये तय हुआ की पूजा
और साहिल की कोर्ट मे शादी होगी और
गाँव वालो की दावत कर दी जायेगी।
तय योजना के अनुसार पूजा और साहिल
का विवाह हो गया। मेरे परिवार ने ये साहसिक
कदम मजहब की दीवार गिरा दिया।
कुछ तो लोग कहेगे लोगो का काम है कहना
गाँव मे भी ये शादी चर्चा का विषय बनी
रही। बाबूजी और काका की गाँव मे बहुत
इज्जत है, इसलिए कोई सामने से कुछ नही
कह सका।
मेरी Phd. पूरी हुई, मैंने नेट भी qualify कर लिया
मेरी नियुक्ति प्रवक्ता पद पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी
मे हो गई। पूजा दो बार सिविल सेवा exam. मे
शामिल हुई परंतु सफलता नही मिली।
भरत का इंटर करने के बाद IIT मे प्रवेश मिल गया
कोई नही जानता की भविष्य के गर्भ मे
क्या छुपा है, भरत I I T दिल्ली इंजीनियरिंग
के तीसरे वर्ष मे था तभी पूजा का रोते
हुए फोन आया की साहिल की किडनी
खराब हो गई है, dailysis चल रही है भरत ने
मुझको फोन द्वारा साहिल के बीमारी की
खबर दिया, साहिल पटना के मेडिकल
कॉलेज मे भर्ती था। मैं गोरखपुर से और भरत
दिल्ली से पटना पहुँच गए, पूजा बहुत
परेशान थी। दोनो भाईयो को अपने सामने
पाकर पूजा की हिम्मत बढ़ गई हम लोगो
ने डॉक्टर से साहिल के स्वास्थ के बारे मे
बात किया, डॉ ने बताया की किडनी
ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा। मैंने ये बात पूजा को
नही बताया। मैंने फोन से काका और बाबूजी
को साहिल के स्वास्थ के बारे मे बताया।
काका पटना पहुँच गए उनके आने के बाद
मैं और भरत पटना से चल दिये।
कुछ खेत बेच कर बाबूजी ने 05 लाख
रुपए का इंतजाम कर के मुझको दिया और
कहा, "पूजा को दे देना जब ट्रांसप्लांट के
लिए फोन आये। लगभग 20 दिन बाद पूजा का
फोन आया की किडनी डोनर मिल गया है, इसी
हफ्ते ट्रांसप्लांट होना है । बाबूजी, काका और मै
पटना पहुँच गए परंतु भरत नही पहुँचा, मोबाइल
स्विच आफ बता रहा था। मैंने 05 लाख काउंटर
पर जमा करा दिया। ट्रांसप्लांट सफलता पूर्वक
हो गया। भरत की बहुत चिंता हो रही थी
इसलिए मै दिल्ली के लिए निकल पड़ा।
IIT पहुँच कर उसके दोस्तो से पता चला
की भरत पटना गया है, मै बहुत परेशान
हो गया कोई अनहोनी तो नही घटित हो गई
मैंने बाबूजी और काका को फोन कर के
बताया की भरत अपने दोस्तो को पटना
जाने की बात कह कर यहाँ से गया है
बाबूजी और काका ये बात सुन कर बहुत
चिंतित हो गए। बाबू जी और काका को
परेशान देख कर पूजा ने बताया की किडनी
भरत ने ही डोनेट किया है, उसने मुझे मना
किया था की किसी को ना बताये , भरत
ऊपर वार्ड मे भर्ती है उसकी देख भाल
साहिल की माँ और बहन कर रही है।
बाबूजी और काका उस वार्ड मे गए जहाँ
भरत भर्ती था। भरत को देख कर काका
ने कहा युग बीत गए लेकिन भरत नही
बदला मुझे गर्व है तुम पर मेरे बेटे, बाबू जी
ने कहा जुग 2 जियो मेरे बाबू। बाबू जी
ने फोन कर के पूरी बात बताया मै भरत
के त्याग के सामने अपने को बहुत छोटा पता हूँँ।
