mrigendra shrivastav

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mrigendra shrivastav

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भैया - बहना

भैया - बहना

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भैया -बहना का ,रक्षाबंधन है शुभ त्योहार

सिर्फ हिंद में पाया जाता, यह पावन व्यवहार।


भाई-बहन के प्रेम का शुभ त्योहार है ये मनभावन

सावन की पूनम को आता है त्योहार ये पावन।

वैदिक संस्कृति से पाया है ,हमने यह उपहार

भैया -बहना का, रक्षाबंधन है शुभ त्योहार।


बहना का आशीष पाकर भैया का मन हर्षाता है

बहना का मन भैया को खुश देख के खुश हो जाता है।

एक- दूजे पर दोनों का ,पूरा-पूरा अधिकार

भैया- बहना का ,रक्षाबंधन है शुभ त्योहार।


कोमल डोरी किंतु साथियो, है अटूट यह नाता

यह रक्षा का सूत्र बंधुओ, रक्षा वचन कहाता।

इस वादे को पूरा करने ,जीवन देते वार

भैया -बहना का ,रक्षाबंधन है शुभ त्योहार।


नारी की रक्षा का हमको, देता शुभ संदेश ये

उत्सवधर्मी प्रकृति हमारी ,अनुपम भारत देश ये।

शांति -प्रेम का पाठ पढ़ाया ,जग पे किया उपकार

भैया -बहना का ,रक्षाबंधन है शुभ त्योहार।


रिश्तों की पावनता, अपनी संस्कृति की पहचान है

जो इसको ना जाने -समझे, वो पक्का नादान है।

अचरज भरी नजर से हमको ,देख रहा संसार

भैया -बहना का ,रक्षाबंधन है शुभ त्योहार

सिर्फ हिंद में पाया जाता यह पावन व्यवहार।



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