बेटियों की सोच .....
बेटियों की सोच .....
एक छोटी बच्ची अपने पिता के साथ कहीं घुमने जा रही थी । अचानक आंधी - तूफान ने शोर मचाया और फिर बारिश होने लगी। चलते चलते रास्ते में एक बडा पुल दिखाई दिया। उस पुल पर से पानी बह रहा था। यह देखकर पिता ने अपनी बच्ची सें कहा - बेटा ! डरो मत । मेरा हाथ पकड़ लो । तो बच्ची ने कहा - नहीं पापा आप ही मेरा हाथ पकड़ लो। तब पापा ने मुुुुस्कुराते हुए पुछा की बेटा इसमें क्या अंतर है हाथ तुम पकडो या मैं बात तो एक ही है ! इसपर बच्ची बोली - पापा यदी अचानक कुछ हो जाए तो मैं शायद आपका हाथ छोड़ दूं। लेकिन अगर आप हाथ पकडेंगे तो चाहें कुछ भी हो जाए आप मेरा हाथ कभी नहीं छोडेंगे ! क्योंकि एक माता - पिता ही हैं जो अपने बच्चों को हर एक संकट से बचाते हैं। वही तो अपने बच्चों के सबसे बडे और सबसे अच्छे रक्षक होते हैं । संकट आने पर अपनी जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों को हर एक मुश्किल से बचाते हैं !