Sunita Maheshwari

Tragedy

5.0  

Sunita Maheshwari

Tragedy

बचपन की नफरत

बचपन की नफरत

2 mins
221


रामवती का पति रमेश पेंटर था। शादी के एक वर्ष बाद रमेश ने गलत संगत के कारण शराब पीना आरम्भ कर दिया। पहले तो वह शाम को ही शराब पीता था, पर बाद में उसने सुबह से पीना शुरू कर दिया। शराब की लत के कारण उसने काम करना भी बंद कर दिया। रामवती की खुशहाल जिंदगी नर्क में बदलती जा रही थी। पैसों की तंगी से भूख ने पाँव पसार लिए थे। अपने छोटे बच्चे दीपक की भूख रामवती से देखी न जाती। उसने लोगों के घर बर्तन माँजना शुरू कर दिया।

घर का खर्च आराम से चलने लगा था, पर रमेश उससे हर समय शराब के लिए पैसे मांगता। यदि वह उसे पैसे नहीं देती तो उसे पीटने लग जाता था। दीपक के बालमन पर इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा था। वह मन ही मन अपने पिता से नफरत करने लगा था। एक दिन रमेश शराब के लिए पैसे मांग रहा था। रामवती ने उसे पैसे नहीं दिए। रमेश एक लकड़ी से उसे मारते हुए बोला, “बद्तमीज, बेहया निकलजा मेरे घर से” रामवती चिल्लाती रही पर वह नहीं रुका। वह उसे मरता ही जा रहा था। डरा सहमा दीपक यह सब देख रहा था। वह अपनी माँ को बचाना चाहता था, पर बचा न सका। माँ लहूलुहान हो गयी। दीपक को रोते देखकर रमेश रुक गया पर दीपक के मन पर यह घटना छापे की तरह छप गयी थी। रमेश दीपक को बहुत प्यार करता पर दीपक हमेशा उससे दूर रहने का ही प्रयास करता। वह बड़ा हो गया पर बचपन की उस घटना के कारण उसके मन से पिता के लिए नफरत कभी कम न हुई। उसे अपने पिता में हमेशा एक राक्षस ही नज़र आता था।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy