बछिया

बछिया

2 mins
978


छुट्टियाँ बिताने बंटी मम्मी के साथ अपनी नानी के गांव आया था, अपनी मामी से मिलकर वह बहुत खुश हुआ।  उनकी गोदी में छोटा सा बच्चा था, मगर उनको रोते देख वह पूछ बैठा-

" मामी तुम रो क्यों रही हो ? "

" तुम अभी छोटे हो ना, नहीं समझोगे, जाओ बाहर खेलो।  इस नन्ही बच्ची के साथ खेलोगे तो अम्मा तुमको भी डांट देंगी। "

" नहीं मामी मैं जानता हूँ, तुमको लड़की पैदा हुई है, इसीलिये नानी मां भला बुरा सुनाती रहती हैं ना ! मम्मी के मुँह से मैंने सब सुन लिया है, मगर मम्मी जब नानी को समझाने लगी तो नानी ने उसे भी डांट दिया। "

" हां बेटे गाँव में अभी भी बेटा-बेटी में भेद है ना ! बेटे से परिवार का वंश जो चलता है ! "

कुछ दिन बाद छोटे बंटी ने देखा कि आज कल नानी मां अपनी गइया की बड़ी मन से सेवा कर रहीं हैं। 

" नानी मां गइया को क्या हो गया है जो आप पूरा दिन उसी का ख्याल रखती हो। "

"अरे बेटवा, गइया गाभीन है ना "

सुबह उठने के बाद बंटी बाहर आया तो देखा कि नानी माँ बहुत खुश थीं, सामने वाले आंगन में गाय अपने छोटे बच्चे को चाट रही थी। 

" नानी मां गइया को क्या हुआ ये बच्चा किसका है ?"

" अरे बेटवा रात में गइया को बछिया पैदा हुई है "

" नानी ये बछिया क्या होती है? "

" अरे अब तुझे कैसे समझाऊँ... हाँ वो तेरी मामी को लड़की हुई है ना, उसी तरह गाय को भी बछिया हुई है, जा अब तू बाहर खेल। "

बंटी कुछ देर सोचता रहा और फिर पूछा, " नानी बछिया मतलब लड़की ना ? "

" हां बेटवा, अब ई गइया दूध देगी।  जब बड़ी हो जाएगी तो वो भी दूध देगी अपना वंश चलाएगी " बंटी से रहा नहीं गया उसने मन की भड़ास निकाल ही ली, " नानी ! मामी को लड़की हुई तो तुम उसे बुरा भला सुनाती हो और गाय को बछिया हुई तो खुशी मना रही हो !"

" अरे ऊ जानवर है और हम इंसान हैं "

गाय बछिया को लगातार चाटे जा रही थी और बहू दरवाज़े के पीछे से सारी बात सुन रही थी। 

बंटी अभी भी सिर खुजा रहा था। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational