बाहरी सुंदरता या गुण ?

बाहरी सुंदरता या गुण ?

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एक साल से खुद को इन चार दीवारों में बंद कर रखा था नेहा ने, क्योंकि उस हादसे के बाद वो लोग तो दूर आइने में भी अपनी शक्ल नहीं देख पा रही थी।

उस एक पल सब बदल गया था उसके लिए, उसका चेहरा भी। तेज़ाब ने बाहर ही नहीं अंदर से भी तोड़ दिया था उसे मगर आज जब दरवाज़े पर दस्तक हुई वो खुद को रोक नहीं पाई, दरवाज़े पर बिट्टू था।

दीदी दीदी दरवाज़ा खोलो ना आज होली है और मैं कितने दिनों बाद हॉस्टल से वापस आया हूं। मैं अपनी फेवरेट दीदी के बिना ये होली नहीं मनाना चाहता। 


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