Shiva ji Soni

Tragedy Classics Inspirational

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Shiva ji Soni

Tragedy Classics Inspirational

औरतों का सम्मान

औरतों का सम्मान

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दोस्तों आज मै अपने दिल की बात लिखना चाहता हूँ इंसान औऱ इंसान कि सोच के बारे में।

लोग कहेते है गिरगिट रंग बदलता है लेकिन गिरगिट कुछ ही रंग बदलता है और इंसान हर वक्त अपना रंग बदलता रहता है।

फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम सोशल साइट पे कि लोगों की मदद करनी चाहिए औरतों और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए छोटे बच्चों के सामने गलत बात नहीं करनी चाहिए।

ऐसी ही बड़ी बड़ी बातें बताते रहते है I love my mom

Mom is my life ,मगर सच्चाई क्या है।

बेटा बड़ा होकर शहर चला गया और गांव वापस आया तो मां पुराने ख्यालात की लगने लगती है अगर मां किसी छोटी सी बात को लेकर समझाने लग जाए तो कहते हैं क्यों दिमाग खराब कर रही हो शादी होने के बाद मां को थोड़ा सा भी वक्त ना देना और उनसे झगड़ते रहना लेकिन स्टेटस यही रहेगा आई लव माय मॉम

एक बहुत ही छोटी सी कहानी है जो मेरी मां ने मुझे सुनाई थी वही मैं आपको सुना रहा हूं।

एक बूढ़ी मां का बेटा शहर से शादी करके आया उसके मां की और उसकी बीवी की रोज झगड़े होते रहते थे एक दिन उसने सोचा क्यों ना मां को थोड़े पैसे देकर ओल्ड एज होम में डाल दू

लड़के ने अपनी मां से पूछा की मां तुझे कितने पैसे चाहिए जिससे तेरी जिंदगी आराम से गुजर जाए।

मां ने मुस्कुराकर कहा बेटा तू इतना बड़ा हो गया है की मां के प्यार की कीमत लगा रहा है।

चल तेरी बात मानती हूं।

लेकिन मुझको पैसे नहीं चाहिए मैंने तुझे 9 महीने अपनी कोख में रखा तुझे इतने प्यार से बड़ा किया तुझे पढ़ाया लिखाया मुझे कुछ नहीं चाहिए बस तू 1 महीने के लिए मेरे साथ सोया कर क्योंकि बाद में तू अपने बीवी के साथ चला जाएगा तुझे प्यार करने का मौका मिले ना मिले।

बेटे ने कहा बस मां तू इतने में खुश है मां ने हंसते हुए कहा हां बेटा लड़का सोचता है बहुत सही 1 महीने की तो बात है फिर मुझे छुटकारा मिल जाएगा।

बेटा रात को मां के बगल में लेट गया बेटे को नींद आई ही थी कि मां ने आवाज दिया बेटा मुझे एक गिलास पानी दे दो और मेरी दवाई भी। बेटा उठा मां को पानी और दवाई दिया फिर लेट गया। मां ने देखा बेटा सो गया है फिर मां ने बेटे को आवाज दी बेटा दो तीन बार आवाज देने के बाद बेटा गुस्से में उठता है और कहता है क्यों मेरी नींद की दुश्मन बनी हुई है बता क्या है मां ने कहा बेटा मुझे एक गिलास पानी चाहिए बेटा गुस्से मैं जाता है और एक गिलास पानी ला कर अपनी मां को दे देता है।

मां जानबूझकर गिलास का पानी उस तरफ गिरा देती है जिस तरफ बेटा लेटा था। मां कहती है सो जा बेटा बेटा कहता है पागल हो गई है मां गीले बिस्तर पर नींद कैसे आएगी।

मां जोर का एक थप्पड़ बेटे की गाल पर जड़ देती है। और कहती हैं जब तू छोटा था तो बाल्टीया भर भर के सुसु करता था कभी तुझे इधर लीटाती कभी तुझे उधर लेटती जब सारा बिस्तर गीला हो जाता तो तुझे अपने पेट पर सुलाती और मैं खुद गीले में सो जाती कि कहीं तुझे ठंड न लग जाए और यह सिर्फ 1 दिन का काम नहीं था सालों मैंने ऐसा किया है तब मैं परेशान होकर तुझे अनाथ आश्रम नहीं छोड़ कर आई और तू मेरे ममता की कीमत लगाता है।

बेटी की आंख खुल जाती है और फूट-फूट कर रोने लगता है और मां के चरणों में गिर जाता है कहता है मां मुझे माफ कर दो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई।

दोस्तों मैं हर इंसान को बुरा नहीं कह रहा लेकिन जो चीज दूसरों को समझाओ उस पर पहले खुद अमल करो।

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बहुत ही सुंदर बात कही है की,

            बोलकर नहीं करके दिखाओ

           क्योंकि लोग सुनना नहीं देखना पसंद करते हैं।

अब आ जाते हैं औरतों और लड़कियों की सम्मान की ओर

एक दिन मैं और मेरे से बड़े उम्र के चाचा जी बस स्टैंड पर बैठे थे ।

तभी वहां से एक लड़की गुजरी जो कि जींस का पैंट और टी शर्ट डाल रखी थी जिसका पेट दिख रहा था

वहां पर बैठे चाचा जी कहते हैं इन्हीं कारणों से लड़कियों का रेप और छेड़छाड़ होती है लोग गलती लड़कों को देते हैं।

मैं चाचा जी के पास गया और चाचा जी से कहा आपने इस लड़की में ऐसा क्या देखा जो आप ऐसी बात कह रहे हैं चाचा जी ने कहा बेटा पहनावा नहीं देख रहे हो पूरा पेट दिख रहा है लड़के देखेंगे तो छोड़ेंगे ही।

मैंने कहा चाचा जी भारतीय संस्कार का पहनावा साड़ी है मेरी मां बाकी बहुत लोग साड़ी पहनते हैं लेकिन चाचा उनका भी तो पेट दिखता है तो हम उनके बारे में ऐसी गलत भावना क्यों नहीं सोचते मैंने कहा चाचा जी यह कमी पहनावे कि नहीं है बाकी हमारे मानसिकता की है अगर औरत साड़ी और सूट में भी मर्यादा में नहीं रहती तो उसको हम सही कैसे बोल सकते हैं चाचा जी सही कपड़े नहीं सही मानसिकता होती है क्योंकि जो जैसा दिखता है वैसा होता नहीं है हमारे पूर्वज कौन से कपड़े पहनकर जन्म लिए थे इज्जत मर्यादा अपने हाथ में होती है और हम दूसरों के बारे में क्या सोच रहे हैं वह भी हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है।

दोस्तों जो मेरे मन में बात थी वह आप लोगों के सामने मैंने लिखी है अगर किसी को मेरी बात बुरी लगी हो तो मैं हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगना चाहता हूं मैं कोई इतना बड़ा ज्ञानी नहीं हूं की सबको समझा सकूं बस मैंने अपने मन की बात स्टोरी मिरर के जरिए आपको बताइ है।


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