STORYMIRROR

Preeti Kukreti

Romance

3  

Preeti Kukreti

Romance

अनुराग

अनुराग

1 min
123

कभी नज्म सा, कभी ग़ज़ल सा

मेरे सुरों को पिरोता तू - एक जज्बात सा है,

कभी भैरवी सा, कभी मल्हार सा,

मेरे मौसम को बदलता तू- एक राग सा है।।


कभी आईने में बनी, ओस की बूंदों से ढकी

धुंधली तस्वीर सा,

कभी धूप की मखमली चादर लपेटे

साफ होती तस्वीर सा।।



Rate this content
Log in

More hindi story from Preeti Kukreti

Similar hindi story from Romance