अंतरिक्ष का समय। 8 या 108
अंतरिक्ष का समय। 8 या 108
एक बार की बात है, एक आदमी था। उसका नाम जॉन था और उसकी उम्र 27 साल थी। उसकी एक 8 साल की बेटी थी। जिसका नाम था मारिया। एक बड़े से घर में रहता था जिसमें एक बड़ी सी लैबोरेट्री थी। वह नासा में रॉकेट उड़ाने का काम करता था। वह एक घड़ी पहनता था। एक और एस्ट्रोनॉट था जिसका नाम था संजय। संजय की उम्र 32 साल थी। एक बार संजय और जॉन अंतरिक्ष में गए। फिर जॉन ने अंतरिक्ष में संजय को स्पेस स्टेशन पर उतार दिया और कहा कि तुम यही मेरी प्रतीक्षा करना मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं।
ऐसा कहकर जॉन एक ग्रह पर चला गया जहां उसने देखा कि उसके घुटने तक पानी भरा हुआ है और सामने से पानी की एक बड़ी लहर उसकी तरफ आ रही है। यह देखकर वह जल्दी से उस ग्रह से अपना रॉकेट लेकर निकल गया। वह संजय के पास स्पेस स्टेशन पर आने लगा।
वह मन ही मन इस बात से बहुत खुश था कि उसने केवल आधे घंटे में ही इतनी बड़ी खोज कर ली। जब स
ंजय ने उसे देखा तो कहा कितने वर्षों बाद दिखे हो।
आज मैं 72 वर्ष का हो गया। यह सुनकर जॉन आश्चर्यचकित हो गया क्योंकि उसकी घड़ी में तो अभी आधा घंटा ही बीता था और उसकी आयु अभी केवल 27 साल 2 महीने 4 दिन और आधे घंटे ही हुई थी। जॉन फिर उस ग्रह के लिए निकल गया तो संजय ने उसे कहा कि मुझे भी साथ ले चलो लेकिन जॉन अकेले ही निकल गया।
लेकिन इस बार जॉन उस ग्रह की जगह ब्लैक होल के पास पहुंच गया। उधर संजय की स्पेस स्टेशन पर ही मृत्यु हो गई। तभी जॉन ब्लैक होल में गिर गया। वह ब्लैक होल के अंदर कभी मोटा होता तो कभी पतला कभी बच्चा कभी बूढ़ाऔर ऐसा होते-होते वह अपने घर की लेबोरेटरी में जाकर गिर गया।
तब उसने देखा कि उसकी आयु तो केवल 20 वर्ष की थी परंतु उसकी बेटी की आयु 108 वर्ष की हो चुकी थी।
तभी आवाज आती है पापा पापा उठ जाओ स्कूल का समय हो रहा है।
हां यह सब एक सपना था।