ऐसा कैसे हुआ ?
ऐसा कैसे हुआ ?
एक बार की बात है, एक राजा था उसका नाम था बादशाह। वह अपने दरबार में जाता था बिना कुछ करे वापस आ जाता था। खाता था, सोता था, खेलता था और उसका दिन खत्म हो जाता था। उसने हर एक आसपास के राज्य में दो जासूस भेज रखे थे। एक बार उसने सोचा, "मैं इतना अमीर हूं फिर भी एक साधारण जिंदगी जीता हूं।"
तो वह एक दिन बाहर राज्य में घूमने चला गया। तब तक उसने अपने महामंत्री को तात्कालिक राजा बना दिया। वह जिस राज्य में गया उसने देखा वहां ना ही राजा था, ना ही सैनिक थे। उसके साथ पांच- छह सैनिक आ रखे थे। वे रात में वहीं एक जगह पर ठहर गया। जब उसने आंखें खोली तो उसने देखा कि उसका महामंत्री चेहरे पर खुशी लेकर उसके पास खड़ा है। मंत्री ने राजा से कहा," महाराज ! आप हमारे ही राज्य में हो।" महाराज ने पूछा," ऐसा कैसे हो सकता है ?"
आप भी हैरान होंगे !
मुझे ज्यादा सस्पेंस तो पसंद नहीं इसलिए आपको मैं बताता हूँ ?
कल जिस राज्य में राजा ठहरे थे उस राज्य का राजा उनके राज्य पर चढ़ाई करने आया था और हम जीत गए।"
राजा ने पूछा कि," हम कैसे जीते हमारी सेना तो बहुत कमजोर है और इस राज्य की सेना तो बहुत विशाल थी ?"
तो महामंत्री ने कहा महाराज," दिमाग से ! हमने त्रिकोणीय और गोरिल्ला वार फेयर जैसी तकनीकों से अपने 12000 पैदल सैनिकों 7500 घुड़सवारों और 2000 हाथियों की सेना को एक लाख की सेना पर भारी कर दिया। राजा बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि, "वह भी तो बुद्धि का इस्तेमाल करके अपने सामान्य जीवन को स्वाद भरा बना सकता है। अब मैं भी युद्ध करूंगा और हारूंगा नहीं जीतूंगा। खेल, खाने और सोने में अभ्यास दान खुशी और ईमानदारी का भी नाम जोड़ दो।"