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Jagrati Verma

Drama Tragedy Others

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Jagrati Verma

Drama Tragedy Others

अमीरा(भाग-३)

अमीरा(भाग-३)

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उसे मारपीट करने और चोरी के इल्जाम में जेल हो गई। अपनी बीवी के अंतिम संस्कार में भी ना जा सका। दूसरे दिन असीम मियाँ रहमान से मिलने आए। उन्हें देखकर रहमान बहुत रोया बोला कि उसे जेल से निकलवा दे। उसे अपनी बेटी से मिलना है घर में अकेली होगी। बीबी की मौत और इस सब से गुजरने के बाद रहमान को बहुत बड़ा सदमा लगा था और वह अमीरा से मिलने की जिद किए जा रहा था बार-बार यही पूछता मेरी अमीरा ठीक है ना उसे उसके पास ले चले। असीम ने रहमान को समझाया कि उसके साले साहब आए थे। उन्होंने अपनी बहन का अंतिम संस्कार करवाया और अमीरा को देखभाल के लिए अपने साथ दिल्ली ले गए हैं। वहाँ उसका पूरा ध्यान रखेंगे। यह सुनकर रहमान की सांस में सांस आई। 


रहमान निकला तो दिल्ली जाने के लिए था मगर रास्ते में जब उसके घर को जाने वाली सड़क उसे दिखी तो वह उसी ओर मुड़ गया। इतने सालों में ज्यादा कुछ तो नहीं बदला था आसपास के इलाकों में सड़कें बन गई थी और कुछ नए मकान भी बन गए थे।  रहमान के घर का दरवाजा टूटा हुआ था घर के अंदर घास उग आई थी। कुछ  टूटे बर्तनों और सामान के अलावा वहाँ कुछ और नहीं था। बाकी सामान के नाम पर था भी क्या उसके पास। रहमान को देखकर पड़ोस के सलीम मियाँ घर के अंदर चले आए। उन्होंने रहमान से पूछा, "जेल से कब आए? "  "बस आज ही रिहाई हुई" रहमान ने जवाब दिया। "अमीरा से मिलने दिल्ली जाना है पर सोचा पहले जाकर घर के हालात देख लूं।" सलीम ने उसका  चेहरा अचरज में देखा और पूछा, "तुम्हें नहीं पता? " रहमान एकदम से सकपका गया, बोला "क्या...क्या नहीं पता? "  सलीम ने हिचकिचाहट भरी आवाज में बताया,"उस दिन तुम्हारे घर से दो लाशें उठी थी।अमीरा ने उसी दिन दम तोड़ दिया था।  तेज बुखार था बिचारी को, जब तक हकीम जी आए वह भी अल्लाह को प्यारी हो गई थी। असीम मियाँ दूसरे दिन तुम्हें बताने जेल तो गए थे।  फिर कुछ बरस बाद वह भी चल बसे, तुम्हें कैसे पता नहीं है? " 


 रहमान यह सुनकर एकदम सन्न रह गया उसकी पूरी दुनिया इधर की उधर होकर रह गई। वह वहीं बैठ गया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। बारह बरस से उसकी आत्मा अपनी बेटी से मिलने के लिए तड़प रही थी । पल पल उससे मिलने की घड़ी का इंतजार करता रहा सिर्फ यह जानने के लिए कि उसकी बेटी कब की ..... ।  रात भर रहमान दीवार की टेक लिए किसी निर्जीव की भांति बैठा रहा, न जाने क्या क्या सोचता रहा।


दूसरे दिन खबर आई कि रहमान ने फिर किसी को घायल कर दिया है।  किसी नेता का रिश्तेदार था। इस बार उसे उम्रकैद हो गई।



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