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Rajeev Tripathi

Horror

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Rajeev Tripathi

Horror

अजनबी साया

अजनबी साया

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काली स्याह रात थी सुनसान रास्ता था

हवा भी सरसराहट लिए धीरे धीरे चल रही थी

कार के शीशे के बाहर अचानक साया सा नज़र आता है गाड़ी वही एक पेड़ से टकरा जाती है

गाड़ी में सवार पुरुष जिसका नाम अविरल है बेसुध हो जाता है

कुछ घंटों बाद अविरल को होश आता है

तो वह खुद को अस्पताल के बिस्तर पर पाता है

हिम्मत जुटाकर वह नर्स से पूछता है

कि मुझे यहांँ कौन लेकर आया है

नर्स कहती है तुम्हें यहाँ एक औरत लेकर आई थी

अविरल नर्स से कहता है कि अब वह स्त्री कहाँ है

नर्स कहती है पता नहीं अभी अभी तो यही थी

शायद वह चली गई

आपके घर से कोई हो तो हमें बताएंँ

अविरल कहता है मेरे घर में बीवी और दो बच्चे हैं

सूचना मिलने पर उसकी बीवी मीनाक्षी और दो बच्चे

दीपिका और संजय अस्पताल में आते हैं

कुछ दिनों इलाज चलने के बाद

अविरल की अस्पताल से छुट्टी हो जाती है

अविरल उसकी पत्नी और दो बच्चे

फ़िर उसी रास्ते पर कार से घर की ओर जा रहे होते हैं

कि अचानक फ़िर उसी रास्ते से गुज़र रहे होते हैं कि एक साया फ़िर के सामने से आता हुआ दिखाई देता है

इस बार गाड़ी साये भेदते हुए आगे बढ़ जाती है

कुछ दूर सुनसान रास्ते पर एक वृद्ध आदमी नजर आता है अविरल उससे पूछता है की आपने यहांँ

किसी औरत को देखा है

वृद्ध आदमी खांसते हुए कहता है कि  

कहीं आप उस औरत की तो बात नहीं कर रहे

वृद्ध बताता है कि वह अक्सर यहांँ नज़र आ जाया करती है असल में वह स्त्री अब इस दुनिया में नहीं है वह मर चुकी है यह सुनकर अविरल स्तब्ध हो जाता है

वृद्ध फिर कहता है महीनों पहले एक कार दुर्घटना में उस स्त्री एवं उसके परिवार की मृत्यु हो गई थी वक़्त पर इलाज ना मिलने की वज़ह से

यह उसी मृत आत्मा का साया है

जो हर आने जाने वाले व्यक्ति की मदद करता है

कि किसी की मृत्यु इतनी दर्दनाक ना हो की किसी को समय पर इलाज ही ना मिले

अविरल को सारी बात समझ में आ जाती है कि

उसी स्त्री के साये ने मुझे अस्पताल ले जाकर

उसकी जान बचाई है और कोई बड़ी विपदा टल गई

मन ही मन अविरल अपने परिवार के साथ

सोचता हुआ घर पहुँच जाता है

एवं उस साये का धन्यवाद करता है।


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