अगर जिंदगी दूसरा मौका दे
अगर जिंदगी दूसरा मौका दे


गर जिंदगी दे दूजा मौका मुझे
तो आ के गले मैं लगा लूँ तुझे..
आंचल में तेरे सिमट जाऊँ...
तुझ से मैं मां लिपट जाऊँ,
जो बचपन तुझ संग ना जी पाई
उसकी कर लूँ फिर भरपाई
बचपन से ही तुझ से दूर रही
भाई बहन संग ना रह पाई
माना... तू भी मजबूर थी
दिल पे पत्थर रख दूर थी ...
कह दे ना उस विधाता से
एक ओर मौका दे दे मुझे
कोई मजबूरी ना आ पाए
इस बचपन ये बेटी मां संग रह जाए।।