अगला साल
अगला साल
बहुत सारे सपने देखे हैं इन आंखों ने। हजारों ख्वाब मैंने अपनी आंखों में बुनकर सहज कर रखे हैं। जिनमें से न जाने कितने सारे सपनों की नींव अगले साल यानी कल से शुरुआत होगी। हां, अगला साल मेरी जिंदगी के लिए बहुत ही खास होगा। मैं जिंदगी में एक डॉक्टर बनना चाहता हूं और आज की दुनिया को देखें तो कंपटीशन बहुत ही मुश्किल हो चुका है। बच्चे वर्ग नववी से ही लग जाते हैं। वह दौड़ने लगते हैं अपनी जिंदगी के उस दौर में जहां से उन्हें जिंदगी में मिलने वाले मीठे फल का अंदाजा होगा।
मैं भी चाहता हूं उनके साथ दौड़ना l मैं भी चाहता हूं अपनी किस्मत की लकीरों पर अपनी मेहनत का नाम लिखना। मैं अभी वर्ग आठवी में हूं और अगले वर्ष में नौवीं में रहूंगा। मैं एक गांव में रहता हूं जहां से शहर काफी दूर है। अगर मेरे लिए कुछ समस्या है अपनी पढ़ाई को लेकर तो वह यही है। मैं फाउंडेशन की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लासेज जॉइन करने वाला हूं। और मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं खुद की पूरी पोटेंशियल लगाऊंगा अपने पढ़ाई में।
मुझे सच करना है उन सपनों को जीन सपनों में मैंने कितनी रात गुजारी है। मुझे सच करना है उन बातों को जिन बातों से मैंने डायरी के पन्ने भरे है। इस साल मैं अपने स्टेट का टॉपर रहा हूं एक ओलंपियाड में। मेरा सपना था कि मैं ऑल इंडिया रैंक पर रहू। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जरा सी गलती के लिए मैं झुक गया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दूंगा मैं। मैं लगा दूंगा अपनी जी जान उस मुकाम को हासिल करने के लिए। मैं कह दूंगा अपनी किस्मत से कि चलना है तो मेरे साथ चलो वरना मुझे तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है। मैं दिखा दूंगा उसको अपनी कलम की ताकत।