अधूरे सपने

अधूरे सपने

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इतना कह कर जानकी अपने घर चली गई।

जानकी के जाते ही संदली गहरी सोच में डूब गई।

आखिर वो कैसे आँटी को बताती कि नये कालेज में उसे कैसे कैसे हालातों से जूझना पड़ रहा है।फिर वह एक नई शुरुआत के साथ कालेज के लिए तैयार हो गई और अपने उज्ज्वल भविष्य की बात सोच कर मुस्कुरा कर चल दी।

पर उसे कहाँ पता था कि ये सब इतना आसान नहीं है।आज फिर मनोज उसे प्रपोजल देने लगा कि वो उसके साथ रिश्ता रखे।आज फिर संदली ने उसे साफ साफ इंकार कर दिया।पर शायद मनोज ने इसे अपनी इज्जत का सवाल समझ लिया था।उधर संदली यह सोच कर उदास हो बैठ गई कि पिता जी ने कितनी मेहनत से एक एक पैसा इकट्ठा कर उसे शहर पढाई के लिए आँटी के घर भेजा था।इतने में ही पीरियड की घन्टी की आवाज आती है और संदली फिर इस सोच के साथ आगे बढ़ जाती है कि उसे सिर्फ और सिर्फ अपने कैरियर पर ध्यान देना है।उधर मनोज बदले की आग में जल रहा था। उसने संदली की एक सहेली को अपने में मिला कर उसे कालेज के पीछे वाले पार्क में बुलाकर बेहोशी वाली दवा पिला दी।संदली के बेहोश होते ही उसे घर ले जाकर उसका अश्लील वीडियो बनाया।और उसे कालेज में वायरल कर दिया।संदली जब अगले दिन कालेज पहुँची तो सब उसे बातें सुनाने लगे उस पर हंसने लगे ।संदली ये दर्द बरदास्त न कर सकी और फाँसी पर झूल गई।अपने और अपने पिता के सपने अपनी आँखो में लिए इस दुनिया को अलविदा कह गई।

और छोड़ गई एक सवाल कि क्या इस दुनिया में एक लड़की को जीने का अपने सपने पूरे करने का कोई अधिकार नहीं है।


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