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Anjali Vyas

Inspirational

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Anjali Vyas

Inspirational

अधूरा ख़्वाब

अधूरा ख़्वाब

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आर्थिक रूप से स्थिर न होने के कारण पापा स्नातक नहीं हो पाए थे ये बात मीरा अच्छे से जानती थी। 

पापा को हाथ में एक फॉर्म थमाते हुए बोली " वेक अप पापा, पढ़ने की उम्र कोई नहीं होती और आपके प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी भी यही कहते थे की "उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ।” बस फिर क्या था, पापा चल पड़े अपना एक अधूरा ख़्वाब  पूरा करने ५५ बरस में।


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