अनोख़ा प्यार
अनोख़ा प्यार
बाहर बड़े जोरों का तूफान था, सबके सब घरों में दुबके बैठे थे।
खिड़की बंद करने गई तो सिमर ने देखा नीचे एक जोड़ा (कुत्ते और कुतिया का ) एक दूसरे से चिपके बैठे थे। थोड़ी देर बाद तूफ़ान थमा तो एक दूसरे को आलिंगन में ले लिया लगा।
जैसे हाथों में हाथ डाले मधुर संगीत पर थिरक रहे थे ।ऐसा अनोख़ा प्यार देख उसे लगा जीवनसाथी चाहे इंसान हो पशु ,पक्षी या जानवर जीवनसाथी का साथ हर मुश्किल आसान कर देती है, यही तो प्यार है।