Joshi Hemangi

Abstract Inspirational

4.5  

Joshi Hemangi

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आत्मविश्वास - सबसे बड़ी ताकत

आत्मविश्वास - सबसे बड़ी ताकत

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एक बार की बात हैं, एक व्यापारी गहरे क़र्ज़ में डूबा हुआ था। और किसी भी तरह वह उस क़र्ज़ से बाहर निकलना चाहता था। लेकिन उससे बाहर निकलने का वह कोई उपाय नही सोच पा रहा था। सभी लेनदार भुगतान की दिन-रात मांग कियें जा रहे थे। इसी सोच में कि कैसे अपनी कंपनी को डूबने या नीलाम होने से बचाए, वह पार्क में अपना सिर झुकाए बैठा हुआ था। तभी अचानक उसके सामने एक बूढा व्यक्ति आता हैं। और उससे पूंछता है- “मुझे लगता है कि किसी बात को लेकर आप परेशान हो”?

फिर व्यापारी उस बूढे व्यक्ति को निराशापूर्वक अपनी सारी परेशानियाँ बताता हैं। फिर बूढा व्यक्ति व्यापारी की परेशानी सुनकर विश्वास के साथ कहता है कि, “मुझे लगता हैं कि मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। बूढा व्यक्ति व्यापारी से उसका नाम पूंछकर उसके नाम का एक चेक तैयार करता हैं। और कहता है कि, “यह पैसे लेलो (चेक देते हुए)। और ठीक एक साल बाद हम यही मिलेंगे और तब तुम मुझे यह पैसे उस समय वापिस दने के लायक बन जाओगे।” यह कहकर वह बूढा व्यक्ति जिस तरह वहाँ आता हैं, ठीक उसी तरह वहाँ से चला जाता हैं। व्यापारी ने देखा की उस बूढें व्यक्ति ने 5,00,00,000 रूपए का चेक उसे दिया हैं। और उसी चेक के निचे जॉन रॉकफेलर लिखा , जो उस वक्त दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक था, द्वारा Sign किया हुआ था।

यह देखकर व्यापारी ने महसूस किया कि यह पैसे मेरी परेशानी को तुरंत ही मिटा सकते हैं। लेकिन इसकी बजाये कि वह अपनी परेशानी को मिटायें उसने वह चेक बुरे वक्त के लिए बचाने की सोचकर अपना व्यापार फिर से शुरू कर दिया। वह अपना व्यापार उसकी तिजोरी में पड़े कुछ रुपयों से उसकी बदली सोच और दुगने उत्साह और जोश के साथ करने में लग जाता हैं। कुछ ही महीनो के अंदर उसने अपने सभी क़र्ज़ दूर कर दिये। और फिर से उसने बहुत ही तेज़ी से कमाना शुरू कर लिया। ठीक एक साल बाद वह वही चेक लेकर पार्क में बूढें व्यक्ति से मिलने पहुंचा। जैसा कि तह हुआ था, वह बूढा व्यक्ति भी वहीं आया हुआ था। व्यापारी बूढें व्यक्ति के पास गया और उसे अपनी सफलता की कहानी बताने ही वाला था कि अचानक वहाँ एक नर्स आ गई, और उस बूढें व्यक्ति को पकड़ लिया। और व्यापारी से पूंछती है,- “उम्मीद है कि इन्होने आपको परेशान न किया हो। यह पागल खाने से अक्सर भाग जाया करते हैं और लोगों को यह बताते है कि वह जॉन रॉकफेलर हैं। व्यापारी यह सुनकर दंग रह जाता हैं, और यह सोचता है कि पुरे साल जब वो अपना business बढाने में लगा हुआ था इस विश्वास के साथ कि मेरे पास 5,00,00,000 रूपए पड़े है जिसे मैं किसी भी प्रकार की परेशानी में काम में ले सकता हूँ। और अचानक उसे समझ आ जाता है कि वो पैसा नहीं था वो तो बस उसकी कल्पना थी, जिसने उसकी जिंदगी का रुख ही बदल दिया। अंत में वो समझ जाता है की यह और कुछ नहीं उसका आत्म विश्वास ही था जिसने उसे इतनी हिम्मत दी कि वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है जो वह चाहता है । निष्कर्ष :– अगर किसी कार्य को आत्मविश्वास के साथ किया जाये, तो सफलता निश्चित मिलती हैं, फिर चाहे आप कितनी ही बड़ी समस्या में हो। 


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