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Sheel Nigam

Drama

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Sheel Nigam

Drama

आत्म सुरक्षा

आत्म सुरक्षा

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इधर रमिया की चिता जलाई जा रही थी, उधर भरोसे को दारू की तलब लग रही थी। अब तक रमिया को मार-मार कर, नोच-खसोट कर उसकी कमाई हथिया लेता था।

उसकी नजर रमिया की जवान बेटी रधिया पर पड़ी तो उसकी आंखों में चमक आ गई।

"अब तो घर में ही शबाब...और...शराब...

सोच ही रहा था कि रधिया की खूंखार आँखों ने उसके इरादों पर पानी फेर दिया।

"सौतेली है तो क्या? रिश्ते में तो बेटी है।"लगा, रमिया की आत्मा ने उसे झिंझोड़ा।

अब तक तो रमिया स्वयं बेटी का सुरक्षा-कवच बनी हुई थी।पर जाने से पहले बेटी को आत्मरक्षा के गुर सिखा गई थी।

भरोसे जैसे अधम को झुलसाने के लिए रधिया की आँखों के अंगार ही काफी थे।


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