anuradha nazeer

Inspirational

5.0  

anuradha nazeer

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आशा

आशा

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एक कमरे में चार मोमबत्तियाँ जल रही थीं। फिर थोड़ी हवा के साथ बारिश होने लगी। शांति ने कहा मैं झड़ने वाली थी। मोमबत्ती थोड़ी देर के लिए बंद हो गई।दूसरी मोमबत्ती ने प्यार था।पतली हवा में  असमर्थ मुझे लगता है  थोड़ी देर में इसका विरोध करने में  मोमबत्ती बंद हो गई।   

तीसरा है ज्ञान। मैं आबी उड़ने जा रहा हूं और हवा का विरोध करने में असमर्थ हूं कि मैं इसे धिक्कारने जा रहा हूं । यही मेरी किस्मत है। तीसरा है ज्ञान। मैं समालन के लिए भी असमर्थ हूँ। चौथा कैंडल होप। यही मेरी किस्मत होगी मैं फेंकती रहूंगी। जीवन में आशा न खोएं। मैं जलती रहूंगी। जीवन में आशा न खोएं।


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