आने वाला पल
आने वाला पल
मैं हूँ जनता कर्फ्यू के साथ और आप ?
अरे यार अजीब माहौल है। कहीं बाहर मत निकलो....बजार बन्द, सारे मॉल बन्द , हॉल बन्द, शादियाँ, गृहप्रवेश सारे के सारे आयोजन बन्द। करें तो क्या करें। घर में कैद होकर रह गये है कमल बाबू जम्हाइयाँ लेते हुए झुंझला उठे।
देखिए सावधानी जरूरी है। हमारी सेफ्टी के लिए ही तो किया जा रहा है सब, संध्या ने कहा।
सेफ्टी...हा,हा,हा...। एक वायरस ने सबको अपाहिज बना दिया।
देखिए, ये समय भी गुजर जाएगा। हर आने वाला पल जाने वाला है। फिर व्यर्थ की चिन्ता क्यों करें। आज जो समय मिला है उसे खेल में, म्यूजिक सुनकर , घर पर फिल्म देखकर इनजॉय करें। पोजिटिव सोचें। शिकायत करने से क्या फायदा...।
ठीक है, मैं राजु के यहाँ जा रहा हूँ। विनोद और अजय को भी बुला लेता हूँ। थोड़ी देर ताश खेलकर आता हूँ।
बिल्कुल नहीं ! बच्चे हमेशा शिकायत करते हैं पापा के पास हमारे लिए समय नहीं है। जब तक बन्द का माहौल है हम समय को बच्चों के साथ बिताएंगे।कैरमबोर्ड , लूडो खेलेंगे, म्यूजिक सुनेंगे, डॉस करेंगे।
डॉस....लगता है तुम्हारा दिमाग खराब है कमल ने ठहाका लगाया।
मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है। बाहर जाकर खतरे से खेलने से अच्छा है हम बच्चों के साथ खेलें, फिल्में देखें, वो हर काम करें जो वक्त की कमी के कारण नहीं कर पाते ।
तो चलो लगाओ म्यूजिक ....कमल ने हँसते हुए कहा ।
संध्या ने म्यूजिक प्लेयर ऑन कर दिया।
आने वाला पल जाने वाला है....गाने की मीठे बोल हॉल में तैरने लगे। बच्चे कमरे से बाहर आ गये थे। अब चारों उस हॉल में बेखौफ मुसकुराते हुए महामारी को मुँह चिढ़ा रहे थे।