B K Hema

Comedy Others

4.0  

B K Hema

Comedy Others

आख़िरी रात

आख़िरी रात

3 mins
123


मैं कैसे भूलूँ, उसके साथ मुलाकात की वो आखिरी रात ! कितना हँस रही थी, कितना छलक रहा था उसका चेहरा, ऐसे लग रहा था कि मानो पूरी दुनिया का उत्साह और उमंग उसी में भरा हो ! मेरे जन्‍म दिन मनाने के लिए उसके पास क्‍या क्‍या योजनाएं थीं। काश , आज वो रहती ! मेरे साथ साथ चलती थी, खाना खाते समय, सोते समय, ऑफिस में, घर में, मेरे दोस्तों के साथ ऐश करते समय भी वो मेरे साथ रहती थी । मैं जो भी पूछूँ, बताती थी, मेरा मार्गदर्शन करती थी, मैं कभी उदास हो जाए तो मुझे मनाती थी, मुझमें उत्साह भरती थी । ओह, क्‍या क्‍या सपना दिखाती थी ! मैं तो उसे छोड़कर एक पल भी जी नहीं सकता था ! आधी रात में भी जग के उसे देखता था, मेरे दोस्‍त तो इसे लेकर मुझे चिढ़ाते थे । उनसे बचने के लिए मैं कभी-कभी दस बजे ही सोने का नाटक करता था और बारह या एक बजे उठकर उसे देखता था । लेकिन ये क्‍या, मेरे दोस्‍त भी उसी समय उसे देखते रहते थे और मेरी चोरी पकड़ी जाती थी ।  

 वो आखिरी रात तो मैंने निश्चय किया था कि उसे रात बारह बजे के बाद नहीं देखूँगा और केवल सुबह ही देखूँगा, क्योंकि उस दिन मेरा जन्‍म दिन था और वह मेरे लिए ढेर सारी शुभकामनाएं लेकर आनेवाली थी । जाने पहचाने लोगों, मेरे दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कुछ अनजाने लोगों की भी शुभकामनाएं लेकर आनेवाली थी। आजकल मेरे दोस्‍त और रिश्तेदार तो केवल उसी के जरिए मुझसे बात करते थे और वो उनकी सब बातें मुझ तक पहुँचाती थी । कभी-कभी तो उसे देखकर मुझे ही जलन होता था कि मेरे दोस्‍त मुझसे ज्यादा उसे चाहते हैं, सीधा मेरे साथ बात किये बिना सब कुछ उसी को कहते हैं ।  


 हूँ! वह आखिरी रात, जैसे मैंने निश्चय किया था रात बारह बजे उससे विदा लेकर सो गया था । सुबह उठते ही खुशी के साथ उसे देखना चाहा, लेकिन ये क्‍या, वह आयी नहीं । आठ, नौ, दस भी बज गया लेकिन उसके आने का कोई संकेत ही नहीं है । मैं उदास और खिन्‍न होकर सोचा कि बाहर जाकर कॉफी पी के आऊँ, शायद तब तक वो आ जाएगी । मैं बाहर गया । जैसे ही दुकान के पास गया दुकान में टंगे हुए अखबारों पर मेरी नज़र पड़ी, देखा, अरे, ये क्‍या अखबार में उसके बारे में समाचार छपा है ! मेरे दिल की धड़कनें तेज होने लगीं, कोई आशंका मेरे मन को बाधित किया । एक हाथ से दिल थामते हुए मैंने और नजदीक जाकर हाथ में अखबार लिया । ओह, कल रात ही उसके साथ मुलाकात की आखिरी रात हो गयी थी ! अखबार के फ्रंट पेज में मोटे मोटे अक्षरों में छपा था कि 

‘कल रात बारह बजे से भारत सरकार ने भारत में फेसबुक बंद करा दी है ‘ 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy