घर में उल्लास का वातावरण था। घर में उल्लास का वातावरण था।
आजकल मेरे दोस्त और रिश्तेदार तो केवल उसी के जरिए मुझसे बात करते थे आजकल मेरे दोस्त और रिश्तेदार तो केवल उसी के जरिए मुझसे बात करते थे
फूफा जी को किसी ने ढंग से खाने के लिए भी नहीं पूछा फूफा जी को किसी ने ढंग से खाने के लिए भी नहीं पूछा
कविता भी अगर कुछ बनाती तो उससे भी रशीदा बेगम को दिए बिना ना रहा जाता। कविता भी अगर कुछ बनाती तो उससे भी रशीदा बेगम को दिए बिना ना रहा जाता।
राजपूत है ना ? ” तो मुझे कोई एतराज नहीं। राजपूत है ना ? ” तो मुझे कोई एतराज नहीं।