कविता भी अगर कुछ बनाती तो उससे भी रशीदा बेगम को दिए बिना ना रहा जाता। कविता भी अगर कुछ बनाती तो उससे भी रशीदा बेगम को दिए बिना ना रहा जाता।
क्या हमारे सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग क्यों इतने संवेदन हीन हो सकते हैं ? क्या हमारे सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग क्यों इतने संवेदन हीन हो सकते हैं ?