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bhawana Barthwal

Inspirational

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bhawana Barthwal

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योग दिवस

योग दिवस

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कुछ टूट से और बिखर से गये थे हम आध्यात्म से रूठ से गये थे हम।

योग को धार्मिकता से जोडने लगे थे लोग ।

योग किया तो पाया शिव सी अनुभूति है इसमें 

कैलाश की ठंडी छांव है इसमे 

गौरा के तप सा प्रताप है इसमें

हर शारीरिक दुश्मन से लड़ने एंटीबाडी है इसमे

आओ योग करे

आओ प्रकृति का धन्यवाद करे 

आओ चिड़िया का मधुर संगीत सुने।

आओ सुबह उठने का अभ्यास करे ।


भाग दौड की इस जिन्दगी मे दो पल सकून के चाहिए। 

तो फिर ये योग का नुस्खा  अपना लें ।

रहना अगर है निरोगी तो ये हुनर भी जरा अपना ले।

है अगर अपनी जिन्दगी से प्यार तो ये सस्ता शौक अपना ले।

महंगे शौक पाल कर अगर थक गया तो आराम वाला ये शौक अपना ले।

योग अगर अपना लिया तो फिर से तन मन पवित्र हो जायेगा


ध्यान अगर कर लिया तो समझ अन्तर आत्मा मे प्रभू का वास हो जायेगा।

चाहिए बच्चे सा पवित्र मन तो हर रोज योग के दर्शन कर ले।

हर रोग से छुटकारा तू पा जायेगा। 

करना सुबह सुबह है प्रकृति के दर्शन तो योग को जीवन आधार बना ले।


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