यह साल कुछ अलग सा है
यह साल कुछ अलग सा है
पूरे विश्व में फैला कोरोना का महासंक्रमन,
घर बैठे रहने का हो गया चलन,
खाने और पीने को सिर्फ होता मन,
बिस्तर छोड़ने को नही मानता यह तन,
लौट आयी पुरानी मान्यता,स्वच्छ्ता की ओर चला यह वतन,
कई महानायकों का हो गया ऊपर वाले से मिलन,
" विजाग गैस लीक " में भी लिपटे कई कफ़न,
इन सभी विचारों से निराधार लगता मेरा यह जीवन,
अब पता नही इस साल और क्या-क्या देखेंगे यह टिमटिमाते नयन।
