STORYMIRROR

Mahabir Barik

Abstract

2  

Mahabir Barik

Abstract

सर्वशक्तिशाली नारी

सर्वशक्तिशाली नारी

1 min
139

ज़िन्दगी बेस्वाद सी थी आपके बिना,

ज़िन्दगी बेरंग सी थी आपके बिना,

खुशियां गुम सी थी आपके बिना,

फिर आप आयी बहार आया।

खुशियां बेशुमार आया।

बेरंग सी ज़िन्दगी भी रंगीन हुई,

सादे जीवन में भी स्वाद आया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract