Mahabir Barik
Abstract
ज़िन्दगी बेस्वाद सी थी आपके बिना,
ज़िन्दगी बेरंग सी थी आपके बिना,
खुशियां गुम सी थी आपके बिना,
फिर आप आयी बहार आया।
खुशियां बेशुमार आया।
बेरंग सी ज़िन्दगी भी रंगीन हुई,
सादे जीवन में भी स्वाद आया।
क्या हम आज़ाद ...
यह साल कुछ अल...
सर्वशक्तिशाली...
मजबूत नींव इनकी, जब विश्वास से भरे हों ये, कोई झोंका भी न तोड़ पाए इतने गहरे होते हैं। मजबूत नींव इनकी, जब विश्वास से भरे हों ये, कोई झोंका भी न तोड़ पाए इतने गहरे ...
आनंदविभोर हो जाए मन देखकर प्रकृति की अद्भुत आभा आनंदविभोर हो जाए मन देखकर प्रकृति की अद्भुत आभा
चारों तरफ विराजमान देश में होगी, हरि, सफेद, मुद्रा क्रांति साथ –साथ। चारों तरफ विराजमान देश में होगी, हरि, सफेद, मुद्रा क्रांति साथ –साथ।
मैं और मेरी क़ल़म जब भी एक दूजे के साथ-साथ होते हैं. मैं और मेरी क़ल़म जब भी एक दूजे के साथ-साथ होते हैं.
वक्त तेरा भी 'अखिल' आएगा अच्छा इसलिए दिल में छिपे अरमान से मिल। वक्त तेरा भी 'अखिल' आएगा अच्छा इसलिए दिल में छिपे अरमान से मिल।
निर्विकार भाव से समर्पित अपने कर्म, कर्तव्य पथ पर अविराम चलती हुई धरती से शिखर तक निर्विकार भाव से समर्पित अपने कर्म, कर्तव्य पथ पर अविराम चलती हुई धरती ...
मेहनत से कामयाबी का मिलना, उपलब्धि बड़ी है जीवन की, मेहनत से कामयाबी का मिलना, उपलब्धि बड़ी है जीवन की,
अमीर, गरीब, राजा, रंक या भिखारी के भोजन में शामिल हो अपना महत्व बताता है। अमीर, गरीब, राजा, रंक या भिखारी के भोजन में शामिल हो अपना महत्व बताता है।
संदेह में तो सदा ही रहता है, जो काम दूजे के भरोसे हो। संदेह में तो सदा ही रहता है, जो काम दूजे के भरोसे हो।
कुछ ग़म होंगे गर अपने तो खुशियाँ भी तो अपनी होंगी कुछ ग़म होंगे गर अपने तो खुशियाँ भी तो अपनी होंगी
हर सोमवार भक्त, करेगा जो व्रत सक्त हो जायेगी इच्छा पूरी, श्रद्धा में गूढ़त्व है हर सोमवार भक्त, करेगा जो व्रत सक्त हो जायेगी इच्छा पूरी, श्रद्धा में गूढ़त्व ह...
मुझे लगता है जैसे मैंने प्रश्न की सूची ही निर्मित कर ली हैं मुझे लगता है जैसे मैंने प्रश्न की सूची ही निर्मित कर ली हैं
टूट गये सपनों को फिर से संभाला जाये चलो फिर से एक चिट्ठी लिखी जाये। टूट गये सपनों को फिर से संभाला जाये चलो फिर से एक चिट्ठी लिखी जाये।
दिल से विजय भावनाओं का अनूठा बनता संगम, मैं से बन जाते हैं सदा ही दोनों हम। दिल से विजय भावनाओं का अनूठा बनता संगम, मैं से बन जाते हैं सदा ही दोन...
कच्चे धागे की मजबूत डोर से ये बँधा है, दिल से दिल का हर तार सदा ही जुड़ा है। कच्चे धागे की मजबूत डोर से ये बँधा है, दिल से दिल का हर तार सदा ही जुड़ा है।
दिल की बातें साझा करना कठिन भी तो है,आसान भी। दिल की बातें साझा करना कठिन भी तो है,आसान भी।
आज का अधूरा सत्य यही है कि हमें आप पर विश्वास है। आज का अधूरा सत्य यही है कि हमें आप पर विश्वास है।
सावन के झूलों के मौसम वापस आए, फूल खिले बागों में मन झूम झूम गाए। सावन के झूलों के मौसम वापस आए, फूल खिले बागों में मन झूम झूम गाए।
बिछड़े मिले बरसों में, नामालूम बातें कम हुई बिछड़े मिले बरसों में, नामालूम बातें कम हुई
हर घर पर फहरायेगा तिरंगा तब समझना ए मेरे देश के लोगों कि आजाद हैं हम। हर घर पर फहरायेगा तिरंगा तब समझना ए मेरे देश के लोगों कि आजाद हैं हम।