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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

ये राखी तो प्रेम का बंधन है

ये राखी तो प्रेम का बंधन है

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ये राखी तो प्रेम का बंधन है

इसमें नहीं होता कोई क्रंदन है

जिसके हाथ पे बंधी है, राखी

वो तो बड़ा भाग्यशाली नंदन है

वो भाई बड़ा ही ख़ुशनसीब है,

जिसके पास राखी का दीप है

ये राखी तो प्रेम का बंधन है

ये दुनिया करती उसे नमन है

जिसके पास राखी का बंधन है


ये राखी सदा बचाती बलाओं से,

इसके अच्छा नहीं कोई धन है

राखी वो डोर है, इस मन की,

इससे खिलता ये पुष्प वन है

पत्थर हृदय भी पिघल जाते,

राखी वो ज्वालामुखी बदन है

ये राखी तो प्रेम का बंधन है

भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक

शत्रु का बनाता ये मित्र जन है

इसने धर्म न कोई बंधन है

रानी ने हुमायूं को भेजी राखी,

कर्मावती बनी उनकी बहिन है

ये राखी तो प्रेम का बंधन है

इससे खिलते सदा मनुवन है



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