ये इश्क़
ये इश्क़
यह इश्क आधा कैसा होता है,
दिल से किया वादा तो वादा होता है,
भूल जाता हूं उसे मुझे भूलना भी होगा,
इश्क से मेरा आज भी कितना झगड़ा होता है,
दोस्ती जब कि है तुमने हमसे,
तो दोस्ती में यह जताना कैसा होता है,
कल का मेहमान आज अपना सा लगता है,
कोई रहे तो बताऊं अपना कहना कैसा होता है,
देखो मेरी हंसी गम में बदल है,
कोई बताएगा मुस्कुराना कैसा होता है,
और मौत आए तो उसे गले से लगा लूं.
उसके बिना जीना भी एक सौदा सा होता है,
यह इश्क आधा कैसा होता है,
दिल से किया वादा तो
वादा होता है....
