STORYMIRROR

Rashi Saxena

Inspirational

2  

Rashi Saxena

Inspirational

यादों के झरोखे

यादों के झरोखे

1 min
413


अतीत के झरोखे बंद कर रखें हैं

मैंने बड़े जतन से ,

रोक रखा है एक तूफ़ान मैंने


अतीत पूरे ज़ोर से आना चाहता

मरे वर्तमान पे 

होना चाहता है हावी मेरे सारे

प्रयासों को मिटाने को 


जो सब भूल आगे बड़ी है

लहर समय की

वापस उसे लौटाने को 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational