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Pankaj Dhurde

Romance

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Pankaj Dhurde

Romance

यादें ..

यादें ..

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बेवक्त बरस पडती हैं, ये यादें तुम्हारी..

ख़ामोशी आंगन मैं,ख्यालों के शहर में ,

मैं फिर कहीं खो सा जाता हूँ

ढूंढता हूँ फिर तुम्हे अपने चारो और, 

महसुस सांसों सा हर दम करता हूँ

उलझ सा जाता हुं फिर उस धागे सा..

जब कभी खुद को बीखरा हुआ महसुस करता हूँ।।




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