याद..।
याद..।
छू के तुझको जैसे बरसे वो बादल
मिलने जो जी चाहे .. आकर बता चल
साथ तेरे घूमूं तो दुनिया ये देखे
मिलने को जी मेरा तप तप ये तरसे ।
तू बहता हुआ जो पानी .. तुझे अपना बना लूँ
कल जो तेरे साथ मिल के गुजारूं
भूलूँ तो कैसे वो रातें तेरे बिन
बहता वो सागर नैनों से टिन टिन
रात वो जाणुना कैसे गुजारूं मैं
याद तुझे आये ना किसको बताऊँ मैं ।

