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Aabha jaiswal

Romance

3  

Aabha jaiswal

Romance

याद बहुत आती है

याद बहुत आती है

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हाँ!उन हँसी के पीछे आपके खोने के गम 

को छुपाना अभी भी जारी है;

ज़ख्म अभी भरे नहीं हैं ढंग से,

याद सच- मुच बहुत आती है।


हाँ! त्यौहार भी थोड़ा- बहुत मना लिया आपके बगैर,

पर आपकी कमी बिना बोले ही

सबके चेहरों पर अलग से खल जाती है, 

जख़्म थोड़े कम हुए है,

पर याद सच- मुच बहुत आती है।


हाँ! धीरे- धीरे सबने सच स्वीकार कर लिया है 

आपको खोने का, 

उस बहन की डोली भी उठ जायेगी आपके बगैर 

और उस माँ-बाप के आँसू भी

धीरे-धीरे सूख जाएंगे,

पर उन हर खटे- मीठी पलों 

पर याद सचमुच बहुत आएगी।



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