याद आ गया मुझे
याद आ गया मुझे
किताबों में से निकाला वोह फूल
कुछ याद दिला गया मूझे........
पहली मुलाकात वो लम्हा कुछ
पुरानी बातें याद करवा गया......
वो चाय की गरम चुस्की में जले
तेरे होंठों का उफ्फ, क्या बताऊँ ...
मेरी गलियाँ, तेरा गुजरना, तभी मेरा
खिड़की से झाँक के देखना........
सहेलियों से बात करना और छुपके
नजरो से मुझे देखना, हायय......
शब्दों से कभी कुछ ना बोलना बस
ईशारो में ही समझा देना मुझे.......
वो साइकल खींच के साथ चलना
बातों के लिए रास्ता बदलना........
वो बीता हर पल तेरे साथ मेरा,किताब
सब जानती है हर बात मेरी............
प्यार का किया इजहार , फूल देके तुझे
निशानी बन उस किताब मे रह लिया...
खुश हो आप हमसे दूर फिर भी फूल
तेरी छुइ निशानी बन आज भी मेरे पास
क्या करे दिल ने कहा आज जी ले फिर
उन यादों साथ, मुस्करा दे थोडा......
सच कहु आज तू याद आ गया मुझे
तेरा अधूरा प्यार याद आ गया मुझे