सुबह की पहली किरण मुझे झिंझोड़ के जगाया करतीं थी ! सुबह की पहली किरण मुझे झिंझोड़ के जगाया करतीं थी !
जो पूरी न हो सकी वो कहानी जिंदा रखना। कभी जानबूझकर की थी वो नादानी जिंदा रखना . जो पूरी न हो सकी वो कहानी जिंदा रखना। कभी जानबूझकर की थी वो नादानी जिंदा रखना .