जब भी सोकर उठता हूँ सच... बड़ा मन करता है ! इच्छित ! जब भी सोकर उठता हूँ सच... बड़ा मन करता है ! इच्छित !
र शब्द का अर्थ व्यर्थ करती वो सुगंध सी चंदन में वो है, मंथन में वो है वो है कही चाँद - सितारों... र शब्द का अर्थ व्यर्थ करती वो सुगंध सी चंदन में वो है, मंथन में वो है वो ह...
खेले गरबा डाडिया चारों ओर भक्ति भावना का हो रहा शोर। खेले गरबा डाडिया चारों ओर भक्ति भावना का हो रहा शोर।
हुई जड़ पर चेतन की विजय हुई जड़ पर चेतन की विजय
एक दीपक प्रेम की, एक दीपक प्रेम की,
चमकीली मणि शंखचूड़ से लेकर बलराम जी को दे दी उन्होंने। चमकीली मणि शंखचूड़ से लेकर बलराम जी को दे दी उन्होंने।