मैया खेलन आ जाना
मैया खेलन आ जाना
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ढोल, ढमाके ढोलक बाजे,
और झांझर की तान
डाडिया गरबा घर घर खेलें
झूम रहा भक्ति में इंसान।
नौ रूपों माँ बिराजे ,
कन्या पूजे सारा जहाँन
सजे हैं माँ के दरबार देख लो,
कलश जवारे के गुण महान।
जग मग ज्योति जली है
नैनो मे बस तू ही बसी है
अखंड ज्योति की महिमा अपरंपार
हर लेतीं सारा अंधकार।
टूटी फूटी सेवा देकर
गायें आपके लाखों गुणगान
श्रद्धा भक्ति से हीे खुश हो जाती
करतीं सभी के पूरे अरमान।
आयीं देखो शेरा वाली
शंख चक्र फरसा लेकर
करतीं दुष्टों का संहार
हो रही चहुँ ओर जय जयकार।
सुंदर सुंदर चौक पुरे हैं
ऊंचे ऊंचे पंडाल सजे हैं
खेले गरबा डाडिया चारों ओर
भक्ति भावना का हो रहा शोर।
बैठो बैठो मैया, खेलो मैया
हो रहे भक्ति अपरंपार
दे दो ,दे दो मैया अपना आशीर्वाद
बैठे तुम्हारे दरबार, मैया आ जाओ।