वर्तमान के हर्ष वर्धन
वर्तमान के हर्ष वर्धन
जो हर माताओं के आंसू पोंछ रहे हैं।
जो तन मन धन से देश हित सेवा कर रहे हैं।
तात्पर्य है वो लगन भाव से, बेटे को मां से मिला रहे हैं।
हमें गर्व है इनके महानता पर, हम वर्तमान के हर्ष वर्धन कह रहे हैं।
लेकर कुलिश कठोर कलेजा कोरो ना काल में आगे बढ़े।
भटके को राह दिखाया, वाहन से घर पहुंचाया।
दान में हाथ पीछे किए नहीं निरंतर आगे बढ़ते रहे।
ये गरीबों के रक्षा करते हैं, गरीबों के दिल में समाया।
ये महानता की पहचान है आसमां के तारे बनकर।
प्राण बचा रहे हैं लोगों के दूर देश से ओषधि लाकर।
हर्ष वर्धन के अंश या फिर गरीबों के मसीहा कहे।
धन न्योछावर कर रहे हैं जन को बचाने के लिए,
हम उनको वर्तमान के हर्ष वर्धन कहे।