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Harshita Saraf

Romance

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Harshita Saraf

Romance

वरना अगर

वरना अगर

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वरना अगर ज़िन्दगी में 

तू नहीं आता।

वरना अगर ज़िन्दगी एक मायूस और सूना

बंजर और बिना गहरा पानी हो जाता।

होते तुम, तो ऐसा होता

न होते तुम, तो भी ऐसा ही होता।

 

शायद अगर भी कहता

प्यार और मोहब्बत के अलफ़ाज़।

यूँही बगैर कहता

दिल तो चाहता है। 

एक उड़ान, एक भीगी ज़मीन 

एक खुला आसमान जिसके तले 

पर, वरना, अगर, शायद 

ये सब बस लफ्ज़ ही रह जाते।


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