वरदान है माँ जगत का वरदान
वरदान है माँ जगत का वरदान
जगत का वरदान होती है माँ
बच्चों का भगवान होती है माँ।
उंगली पकड़ खड़े होना सिखाती है
कदम-कदम चलना बताती है
गिरे तो संभलना सिखाती है माँ
बच्चों का भगवान होती है माँ।
हाथ पकड़ लिखना सिखाती है
शब्दों को जोड़ना,पढ़ना सिखाती है
बच्चों की प्रथम शाला होती है माँ
जगत का वरदान होती है माँ।
हंसना-बोलना, चलना सिखाती है
गिरते हुए को संभलना बताती है
अच्छे-बुरे की पहचान कराती है माँ
जगत का वरदान होती है माँ
बच्चों का भगवान होती है माँ।
खेलना, कूदना, बताती है
बच्चा बन साथ खेलती है माँ
सभी खेलों की खिलाड़ी होती है माँ
जगत का वरदान होती है माँ।
हिन्दी,अग्रेंजी,गणित पढ़ाती है
सभी विषयों का ज्ञान रखती है
प्रत्युत्पन्नमति विद्वान होती है माँ
जगत का वरदान होती है माँ।
भवन,जहाज,कारखाना बनवाती माँ
प्रायोगिक कार्य समझा देती है
कारीगर,शिक्षक,वैज्ञानिक होती हैं माँ
जगत का वरदान होती है माँ।
दरवाजे में खड़ी राह देखती है
बिन बोले चेहरा पढ़ लेती है माँ
समस्या का हल करती है माँ
हर प्रश्न का जवाब देती है
जगत का वरदान होती है माँ
बच्चों का भगवान होती है माँ।
