वरद हस्त
वरद हस्त
तुम अद्भुत शिल्पी,
मुझे तराश दो,
जैसा चाहे सँवार लो,
दुखों से मुझे उबार लो।
समर्पण का भाव लिए,
शतश: नमन ले खड़ी हूँ।
वरद हस्त अभय बन तेरा,
कण्ठहार बने मेरा।
तुम अद्भुत शिल्पी,
मुझे तराश दो,
जैसा चाहे सँवार लो,
दुखों से मुझे उबार लो।
समर्पण का भाव लिए,
शतश: नमन ले खड़ी हूँ।
वरद हस्त अभय बन तेरा,
कण्ठहार बने मेरा।