Awadhesh Kumar
Romance
नए दौर की राह में, वो गज़ल बनके आये,
मेरे टूटे अल्फ़ाज़ों में, प्यार का गीत लाये।
उस आखिरी मुलाकात में भी, वो बहुत मुस्कुराये,
वो जब याद आये, बहुत याद आये ।
~दर्द
तलब
~पहला पन्ना
हिचकी
कोरोना की दुन...
~ख़ुदा
9 बजे 9 मिनट
नशा
आँखों की साज़...
यादें
आजीवन रिश्ता निभाएंगे एक दूसरे को नहीं आजमाएंगे आजीवन रिश्ता निभाएंगे एक दूसरे को नहीं आजमाएंगे
है तुझको कसम मेरे हमदम मुस्कान कभी भी मत खोना है तुझको कसम मेरे हमदम मुस्कान कभी भी मत खोना
बाँह पसारे खड़ी भावना, राह नहीं पर कोई सूझे। बाँह पसारे खड़ी भावना, राह नहीं पर कोई सूझे।
कितने ही दिन से दूर हो तुम कोई बात न तुमसे हो पाई है कितने ही दिन से दूर हो तुम कोई बात न तुमसे हो पाई है
मेरे मस्तक की लालिमा तुमसे है मेरे माथे की उजियाली तुमसे मेरे मस्तक की लालिमा तुमसे है मेरे माथे की उजियाली तुमसे
सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते। सांसों के झंकृत साजों से, जीवन भी गति पाते।
दिल के उपवन में मेरा इश्क महकता रहता है, दिल के उपवन में मेरा इश्क महकता रहता है,
गुजरो न बस तुम ख्याल की तरह आ जाओ जिंदगी में मेरे बहार की तरह. गुजरो न बस तुम ख्याल की तरह आ जाओ जिंदगी में मेरे बहार की तरह.
मीठी-मीठी यादों की ख़ातिर कई फ़साने ढूँढे मीठी-मीठी यादों की ख़ातिर कई फ़साने ढूँढे
दुनिया के इस अभिनय के लिए इनाम देना चाहिए... दुनिया के इस अभिनय के लिए इनाम देना चाहिए...
हर सू हर पल मिले खुदा सा वफ़ा इश़्क रग-रग मेंं रमे दिल की ख़ता. हर सू हर पल मिले खुदा सा वफ़ा इश़्क रग-रग मेंं रमे दिल की ख़ता.
ऐसा नहीं की तेरे जाने से, मर गया हूं मैं ! तेरे बिना भी जिंदा हूँ, सांस अभी बाकी है ! ऐसा नहीं की तेरे जाने से, मर गया हूं मैं ! तेरे बिना भी जिंदा हूँ, सांस अभी ब...
दिल है जो ग़म-ए- दरिया तो क्या गुनगुनाऊँ मैं।। दिल है जो ग़म-ए- दरिया तो क्या गुनगुनाऊँ मैं।।
थोड़ा सा ऐतबार और दिया है मुझे प्यार बेशुमार। थोड़ा सा ऐतबार और दिया है मुझे प्यार बेशुमार।
उन बिन मेरी कटे नहीं रैना आए नहीं किसी घड़ी चैना उन बिन मेरी कटे नहीं रैना आए नहीं किसी घड़ी चैना
कभी दरिया तो कभी प्यास लगती हैं तेरी आँखें। कभी दरिया तो कभी प्यास लगती हैं तेरी आँखें।
सीमा में बंध नहीं बल्कि इस प्रेम की वादी में खोकर कर मिलेगी सीमा में बंध नहीं बल्कि इस प्रेम की वादी में खोकर कर मिलेगी
पर मुझे तो हुई थी तुम से मोहब्बत पर मुझे तो हुई थी तुम से मोहब्बत
कभी लागे के जहर सा है इश्क़ तो खामोशी से नसो में उतर जाने दो। कभी लागे के जहर सा है इश्क़ तो खामोशी से नसो में उतर जाने दो।
तरस रही हैं आँखें बिन तुम गुल भी बनीं चुभती सलाखें तरस रही हैं आँखें बिन तुम गुल भी बनीं चुभती सलाखें