वो जान देते ना कतराए|
वो जान देते ना कतराए|
वो जान देते ना कतराए
वो अपनो के लिए ना कभी आये
देश के लिय मोहब्बत इतनी थी
की देश को वैलेंटाइन डे जान का तोहफा दे गए
आँसुओं का प्रहार हुआ
मातम सा ये वैलेंटाइन का त्योहार हुआ
देश के जिगर छोड़ गए हमें
क्या हुआ मुंह मोड़ गए
हर पल कुर्बानी याद आती है
हर रोज जिंदगी तड़पती है
उनके घर वाले कितने अकेले
जिन्होंने देश के लिए गोली झेले
पुलवामा का अटैक
हम सब को अटैक
दे गया इस तरह
जैसे कोई बेटा घर छोड़ गया
कोई अपना मेरा
हर सैनिक को मेरा सलाम
जान दे गए साथ मोहब्बत का पैगाम
खून का रिश्ता नहीं कोई था
फिर भी वो खून देश का था।