वक्त
वक्त
ना करना अच्छे वक्त पर कभी गुमान
ये वक्त अपनी अहमियत बखूबी जानता है,
क्योंकि
है वक्त वो परिंदा
पकड़ लिया तो सपनों की मंजिल तक पहुँचाता है,
निकल गया हाथ से
तो लौट कर वापिस ना आता है,
होता है वक्त बड़ा बेरहम
ये खुशियाँ भी लाता है,
और लाता है खिज़ा
वक्त से ही आज और कल का हर किस्सा है जुड़ा
हर लम्हा ठहर जाता है,
ना वक्त कभी ठहरता है,
हर मौसम की तरह वक्त भी करवटें बदलता है,
ना करना उपहास किसी के बुरे वक्त का
सुना है ,वक्त कोयले को भी हीरा बना देता है,
ना करना अच्छे वक्त पर कभी गुमान
ये वक्त अपनी अहमि
यत बखूबी जानता है,
वक्त कभी फूलों की सेज तो
कभी काँटो का सरताज बन जाता है,
वक्त अपने मिज़ाज जब बदलता है,
तोअपने और पराऐ में फर्क
अपने और पराऐ में फर्क
ये वक्त का आईना हमें दिखा जाता है,
ना सोच वक्त बहुत है बना लूँगा तकदीर,
जब निकल जाएगा वक्त
तब ना काम आएगी तेरे हाथों की लकीर,
जो चला है हमेशा वक्त के साथ,
दिया है तकदीर ने भी उसका साथ,
क्योंकि जब वक्त मौका देता है,
तब किस्मत की तस्वीर बदल देता है,
इसलिए ना करना अच्छे वक्त पर गुमान
ये वक्त अपनी अहमियत बखूबी जानता है ।