वक्त
वक्त
सब की अपनी दुनिया है,
सब का अपना मेला
कभी कोई गुरु बनता,
कभी कोई चेला
गुरुर न करना कभी वक्त पे अपने
हर एक के वक्त ने हर पल है झेला।
सब की अपनी दुनिया है,
सब का अपना मेला
कभी कोई गुरु बनता,
कभी कोई चेला
गुरुर न करना कभी वक्त पे अपने
हर एक के वक्त ने हर पल है झेला।