विश्व रंगमंच दिवस
विश्व रंगमंच दिवस
दुनिया का ये अनोखा रंग मंच
अभिनय सबका अलग-अलग ।
सभी पड़ाव से गुजरती जिंदगी,
न मालूम कब कौन सा रंग बने।
गिरगिट से आगे बढ़ गया आदमी,
बिना रंग के कमाल की अदाकारी।
गुजर गई जिंदगी सिमटा सपनों में
फिर भी हरेक अभिनय अधूरा रहा।
है रंगमंच का प्रादुर्भाव हिन्द देश में
नाट्य के सब रूप रंग इसी भूमि में।