वीर सैनिक
वीर सैनिक
गोली खाकर सीने पे,सैनिक हिम्मत नहीं हारता है।
लङता रहता है अंतिम सांसों तक दुश्मनों को ललकारता है ।।
देश की खातिर सीने पे गोली खाता,पीठ नहीं दिखाता है ।
भारत माँ पर जान लुटाकर,मां के दूध का कर्ज चुकाता है ।।
दोनों मां का मस्तक ऊँचा कर,
खून की एक-एक बूंद देश को समर्पित करता है ।।
कुल का मान बढाकर वीर सैनिक देश की शान बढाता है ।
रग-रग में भरी राष्ट्र-भक्ति, दुश्मन को चुन-चुन कर मारता है ।
सैनिक देश का जाबांज सिपाही, राष्ट्र-भक्तों का हौसला बढाता है ।
जब भी भारत पर आतंक बढता सैनिक ही देश की आन बचाता है
आतंकवाद, देशद्रोही,गद्दारों से डटकर मुकाबला करता है ।।
जब भी देश पर संकट आता,सैनिक ही देश रक्षा में प्राण न्योछावर करता है ।
आंधी, तुफान, बर्फीली सुनामी में सीमा पर अडिग खङा रहता है ।।
सीमा की कर चौकसी, दुश्मनोंसे हर समय अङा रहता है ।
मातृभूमि की सेवा खातिर जान लुटाकर भारत माँ का गौरव बढाता है ।।
सैनिक वह इन्सान होता है जो देश के लिए अपनी जान कुर्बान करता है ।।
